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डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.
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स्थितियों को समझने के लिए अपने सपनों का विश्लेषण करें जो उन्हें पैदा कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
व्यक्ति जब देर से भोजन करता है तो उससे उसकी नींद का चक्र बाधित होता है क्योंकि उस समय शरीर भोजन को पचाने का काम भी कर रहा होता है। जब नींद का चक्र बाधित होता है, तो व्यक्ति को डरावने सपने आने लगते हैं। इस समस्या से बचने के लिए जल्दी और कम मात्रा में भोजन करें।
रात में सोते समय अक्सर डरावने सपने आते हैं.
ये सपने तब आते हैं, जब आप या तो कोई भूतिया फिल्म देख लेते हैं.
बताया गया कि, अगर कोई इंसान अपने दिमाग में ज्यादा टेंशन रखता है, तब इस तरह की घटना होती है.
जीवनशैली में बदलाव: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और हेल्दी स्लीप हाइजीन को प्राथमिकता दें। इस प्रकार आपका तनाव कम होता है, साथ ही चिंता और अवसाद की भावना नियंत्रित रहती है। बुरे सपनों से बचने के लिए हेल्दी स्लीप बहुत जरुरी है।
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किसी काम या बात को लेकर जरूरत से ज्यादा सोचना और चिंता करने से भी बुरे सपने आते हैं, जिसकी वजह से अक्सर रातों को घबराहट होती है और नींद खुल जाती है.
क्या होते हैं बुरे सपने और कैसे करते हैं व्यक्ति को परेशान-
कई बार दिन भर नेगेटिव विचार या फिर कई व्यर्थ बातें सोचने की वजह से रात को ऐसा होता है,